2/22/2015

प्रो.कल्याणमल लोढ़ा का पत्र अभिज्ञात के नाम

  1. लेखकों के पत्र
 
कलकत्ता
03. 01.96
प्रिय अभिज्ञात

   तुम्हारा 29.12.96 का पत्र आज मिला। अच्छा लगा। सर्व प्रथम नववर्ष की शुभकामनाएं सपरिवार स्वीकार करो। तुम्हारा उपालम्भ भी मिला। मैं तो सदैव तुम्हारे साथ हूं दूर नहीं। ऐसा क्यों सोचा। तुम्हारे ग्रंथ भी पढ़े हैं-तुममें प्रतिभा है और लगन भी। मैं अपनी सीमा में जो कुछ भी होगा, सहयोग दूंगा। अभी कलकत्ते में ही हूं। फोन न.4642300 है। मिलें तब विस्तृत चर्चा होगी।
सस्नेह
तुम्हारा
कल्याणमल
कल्याणमल लोढ़ा
2ए, देशप्रिय पार्क ईस्ट
कलकत्ता-7200021